इतवार का दिन था इसलिए मैं सुबह के 9 बजने के बावजूद बिस्तर पर ही लेटा हुआ था। पिछले सप्ताह काफी टूर होने के कारण मैं अपने सनडे का पूरा मजा लेना चाहता था। बिस्तर पर लेटे लेटे मैं नाश्ते के लिये किसी बढ़िया मेनू के बारे में सोच ही रहा था कि कॉल बेल की आवाज सुनाई दी। जब मैने दरवाजा खोला तो सामने राकेश खड़ा था। राकेश भी मेरी तरह ही मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव है। उसे देखते ही मेरे मुँह से निकला, "क्या बात है, लगता है सुबह सुबह ही नहा धोकर तैयार हो गये हो। माथे पर टीका भी लगा है। लगता है सीधा मंदिर से आ रहे हो। कोई खास वजह?"
राकेश बहुत खुश नजर आ रहा था और वह खुशी उसकी आवाज में भी झलक रही थी। उसने 1000 वाट की हँसी बिखेरते हुए कहा, "हाँ, एक अच्छी खबर है। मेरा प्रोमोशन हो गया है। मंदिर गया था प्रसाद चढ़ाने। लो लड्डू खाओ।"
मैने उससे लड्डू लिया और लड्डू का एक टुकड़ा मुँह में लेते हुए कहा, "क्या बात है। बधाई हो। लगता है एरिया मैनेजर बन गये हो। किस हेडक्वार्टर में पोस्टिंग हुई है। भैया, मैनेजर बनने के बाद हम लोगों को भी याद रखना।"
राकेश ने मेरी बात बीच में ही काटते हुए कहा, "अरे नहीं, एरिया मैनेजर नहीं बना हूँ.......।"
मैने फिर पूछा, "तो तुम्हारी कम्पनी में भी मेरी कम्पनी की तरह रीजनल ट्रेनिंग मैनेजर का पोस्ट क्रियेट हुआ है?"
राकेश ने आगे कहा, "नहीं, नहीं। अब मैं मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव से सीनियर मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव बन गया हूँ। सैलरी में थोड़ा हाइक मिला है। एलाउएंस भी थोड़ा बढ़ गया है।"
मैने कहा, "चलो अच्छी बात है। लेकिन तुम्हें नहीं लगता कि ये कम्पनी वाले बिना मतलब की बात करते हैं। प्रोमोशन के नाम पर लॉलीपॉप पकड़ा दिया तुम्हें। वैसे भी तुम पाँच साल से काम कर रहे हो। सीनियर तो हो ही गये।"
मेरी बात सुनकर राकेश कुर्सी में धँस सा गया। वह बोला, "आज तक किसी छोटे शहर के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव को प्रोमोट होते हुए सुना है? वही प्रोमोट होते हैं जो मैनेजर के हेडक्वार्टर में रहते हैं। हमारे जैसे लोग तो बस सीनियर मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव या बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर का डेजिग्नेशन पा लें वही बहुत है।"
मैने कहा, "इस बारे में मेरा कॉन्सेप्ट तो बिलकुल साफ है। डेजिग्नेशन चाहे जो हो तुम फिर भी कम्पनी के पायदान में सबसे निचले पोजीशन पर हो। कम्पनी का कोई भी वर्कर तुम्हें रिपोर्ट नहीं करता है। तुम्हारे जॉब का नेचर वही रहता है। फिर ये किस तरह से प्रोमोशन हुआ?"
राकेश ने कहा, "अब तुम्हारे जितना दिमाग मेरे पास तो है नहीं। अरे इस तथाकथित प्रोमोशन पर मुझे थोड़ी खुशी मनाने से तो मत रोको। आज थोड़ा जश्न मनाते हैं। खाना तो तुम बहुत अच्छा बनाते हो। चलो चिकन खरीद कर लाते हैं और साथ में बियर भी। खर्चा मेरी तरफ से। ठीक है?"
मैने भी सोचा कि छोटी छोटी खुशियाँ मनाने का हक तो सबको है। इसलिए मैने कहा, "क्या बात कही है। मैं झटपट तैयार हो जाता हूँ।"
राकेश बहुत खुश नजर आ रहा था और वह खुशी उसकी आवाज में भी झलक रही थी। उसने 1000 वाट की हँसी बिखेरते हुए कहा, "हाँ, एक अच्छी खबर है। मेरा प्रोमोशन हो गया है। मंदिर गया था प्रसाद चढ़ाने। लो लड्डू खाओ।"
मैने उससे लड्डू लिया और लड्डू का एक टुकड़ा मुँह में लेते हुए कहा, "क्या बात है। बधाई हो। लगता है एरिया मैनेजर बन गये हो। किस हेडक्वार्टर में पोस्टिंग हुई है। भैया, मैनेजर बनने के बाद हम लोगों को भी याद रखना।"
राकेश ने मेरी बात बीच में ही काटते हुए कहा, "अरे नहीं, एरिया मैनेजर नहीं बना हूँ.......।"
मैने फिर पूछा, "तो तुम्हारी कम्पनी में भी मेरी कम्पनी की तरह रीजनल ट्रेनिंग मैनेजर का पोस्ट क्रियेट हुआ है?"
राकेश ने आगे कहा, "नहीं, नहीं। अब मैं मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव से सीनियर मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव बन गया हूँ। सैलरी में थोड़ा हाइक मिला है। एलाउएंस भी थोड़ा बढ़ गया है।"
मैने कहा, "चलो अच्छी बात है। लेकिन तुम्हें नहीं लगता कि ये कम्पनी वाले बिना मतलब की बात करते हैं। प्रोमोशन के नाम पर लॉलीपॉप पकड़ा दिया तुम्हें। वैसे भी तुम पाँच साल से काम कर रहे हो। सीनियर तो हो ही गये।"
मेरी बात सुनकर राकेश कुर्सी में धँस सा गया। वह बोला, "आज तक किसी छोटे शहर के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव को प्रोमोट होते हुए सुना है? वही प्रोमोट होते हैं जो मैनेजर के हेडक्वार्टर में रहते हैं। हमारे जैसे लोग तो बस सीनियर मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव या बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर का डेजिग्नेशन पा लें वही बहुत है।"
मैने कहा, "इस बारे में मेरा कॉन्सेप्ट तो बिलकुल साफ है। डेजिग्नेशन चाहे जो हो तुम फिर भी कम्पनी के पायदान में सबसे निचले पोजीशन पर हो। कम्पनी का कोई भी वर्कर तुम्हें रिपोर्ट नहीं करता है। तुम्हारे जॉब का नेचर वही रहता है। फिर ये किस तरह से प्रोमोशन हुआ?"
राकेश ने कहा, "अब तुम्हारे जितना दिमाग मेरे पास तो है नहीं। अरे इस तथाकथित प्रोमोशन पर मुझे थोड़ी खुशी मनाने से तो मत रोको। आज थोड़ा जश्न मनाते हैं। खाना तो तुम बहुत अच्छा बनाते हो। चलो चिकन खरीद कर लाते हैं और साथ में बियर भी। खर्चा मेरी तरफ से। ठीक है?"
मैने भी सोचा कि छोटी छोटी खुशियाँ मनाने का हक तो सबको है। इसलिए मैने कहा, "क्या बात कही है। मैं झटपट तैयार हो जाता हूँ।"
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