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Thursday, July 7, 2016

डॉक्टर के लिए उपहार

मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव एक ऐसा शख्स होता है जो डॉक्टरों के पास जाकर अपनी कंपनी की दवाई का गुणगान करता है। ऐसा करने के लिए उसकी मदद के लिए विजुअल ऐड होता है जिसमें रंग बिरंगी फोटो होती है और दवाइयों की बड़ाई होती है। विजुअल ऐड में छपी हुई बातों को ज्यादातर मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव कंठास्थ याद कर लेते हैं और डॉकटरों के सामने किसी रट्टू तोते की तरह सुनाया करते हैं। किसी भी डॉक्टर के लिए यह उतनी ही आम बात होती है जैसे कि किसी आम आदमी के लिए मोबाइल फोन पर वाटर प्योरिफायर या होम लोन की कॉल आना। लेकिन ग्रामीण इलाकों के मरीजों और उनके साथ आए लोगों के लिए यह किसी अनूठे नजारे से कम नहीं होता। ऐसा ही एक वाकया मेरे किसी मित्र ने मुझे सुनाया था; जो कि मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव था।

वह अपने एरिया मैनेजर के साथ किसी छोटे से गाँव में काम कर रहा था। वे लोग किसी ऐसे झोला छाप डॉक्टर की कॉल कर रहे थे जिसे अंग्रेजी क्या ठीक से हिंदी भी नहीं आती थी। वह मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव अपने अनुभव से जानता था कि ऐसे डॉक्टरों के पास अंग्रेजी में बात करने से वे खुश होते हैं; क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे समाज और लोगों में उनकी इज्जत में इजाफा हो जाता है। यही सब ध्यान में रखते हुए उस मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव ने अपना गला साफ किया और डॉक्टर के सामने अपना रटा रटाया भाषण शुरु कर दिया। उस डॉक्टर की जबरदस्त प्रैक्टिस चलती थी; लिहाजा उसके क्लिनिक में अच्छी खासी भीड़ जमा थी। वह डॉक्टर गर्मी के कारण लुंगी और बनियान पहने था। लेकिन मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव और उसका मैंनेजर; दोनों ने पैंट शर्ट के साथ टाई भी लगा रखी थी। दोनों ठेठ शहरी बाबू लग रहे थे जिनपर पूरी तरह अंग्रेजियत का भूत सवार हो। जब वे अपनी सेल्स पिच सुना रहे थे तो डॉक्टर भी बीच बीच में येस नो कहकर जवाब दे रहा था जैसे बहुत अंग्रेजी जानता हो। उसके इर्द गिर्द जमा लोग बड़े भाव विभोर होकर उनकी गुफ्तगू को सुन रहे थे।
लगभग 15 से 20 मिनट की सेल्स पिच के बाद मैंनेजर ने अपने बैग में से एक आकर्षक गिफ्ट पैक निकाला और बड़ी नफासत से उसे डॉक्टर के सामने इस तरह से टेबल पर रखा जैसे कोहिनूर का हीरा सौंप रहा हो। ऐसा देखते ही उस डॉक्टर के इर्द गिर्द जमा हुए लोग उठ कर खड़े हो गए और जोर-जोर से तालियाँ बजाने लगे।

बेचारा डॉक्टर, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव और मैनेजर; तीनों ब‌ड़े हैरान होकर उन्हें देखने लगे। फिर डॉक्टर ने थोड़ा झुंझला कर पूछा, “भैया ये बताओ कि तुम लोगों ने तालियाँ क्यों बजाई?”


इस पर उस भीड़ में से एक अकलमंद से दिखने वाले अधेड़ उम्र के व्यक्ति ने जवाब दिया, “हम सब समझ गये डॉक्टर साहब। ये दोनों शहरी बाबू किसी बड़े अस्पताल से आए हैं। इन्होंने आपसे अंग्रेजी में काफी सवाल पूछे। जब आपने इनके सवालों के सही जवाब दे दिये तो इन्होंने इनाम में आपको ये उपहार दिया।“ 

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